पछिलहरे कौनो मनचला औंधे मुंह फोन पेल बैठा ?
हेल्लो
हाँ बताइये
कौन बोल रहा
जी मैं वेस्या बोल रहा , लकिन आप हौ के,
जी मैं आशुतोष ओझा जी को लगाया था जो अपना प्रदेश टीवी में बस्ती के प्रभारी हैं
जी मैं वही आशुतोष ओझा ही बोल रहा हूँ,
अरे सर फिर आप वेस्या क्यों बोल दिए मन मिठा गया ,हम सोचे सायद कौनो….के पास लग गया बस अवजिये भर मोटी है,
अच्छा अच्छा लकिन उ का है ना मित्र हम जौने स्तम्भ से जुड़ा हूँ ना उ वेस्या के बराबरी कभो ना कर पायेगा उ तो हम अपनी इज्जत बचाने के लिए वेस्या बोला ,भले आप रसिया गये लकिन अर्थ ना समझ पाए।
मतलभ सर
देखिये भाई वेस्या समाज की वो देवी है जो खुद को दांव पर लगाकर हमारे चौखट के अंदर की देवी की सुरक्षा करती है इसलिए हम उसको पूजता हूँ,
ई जो वर्तमान मीडिया है ना यमहा यह समय भड़वा,दल्ला के संख्या ज्यादा है, ई आम जनता के दांव पर लगाकर अपनी जेब भरता है,
भाई हम तो अपने आपका देवी का दर्जा दिया लेकिन आपका नजरिया बड़ा गन्दा है आपके मूहे में पानी की धारा बहने लगी,
तब कैसे चल रहा है फिर मीडिया जब दल्ला ही है
अरे महाराज एकदमें बकचोद हो का संख्या जादा की बात किया हूँ ना की पूरा बोला हूँ,
आज भी कुछ अच्छा पत्रकार और पत्रकारिता है जिसके कारण स्तम्भ टिका है,
वरना ई जो लोग हिला रहा है ना अब तक उखड़ के गिर गया होता,
मने धीरे धीरे कोठे तक हमारी मीडिया पहुँच गयी है फिर से चौखट के अंदर तक लाया कैसे जाय समस्या इस बात की है?
फिर भी हम वेस्यालय में वेस्या बन समाज की सुरक्षा करता रहूंगा।।
जय राष्ट्र