गणतंत्र दिवस विशेष…
भारत का एक राष्ट्रीय पर्व जो प्रति वर्ष 26 जनवरी को मनाया जता है इसी दिन सन् 1950 को भारत का संविधान लागू हुआ था।
एक स्वतंत्र गणराज्य बनने और देश के संक्रमण को पूरा करने के लिए 26 जनवरी 1949 को भारतीय संविधान सभा द्वारा इसे अपनाया गया और 26 जनवरी 1950 को इसे लोकतान्त्रिक प्रणाली के साथ इसे लागु किया गया था।यह 26 जनवरी को इसलिए चुना गया था क्योंकि 1930 में इसी दिन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस द्वारा भारत को पूर्ण स्वराज घोषित किया गया था।यह भारत के तीन राष्ट्रीय अवकाश में से एक है।
सोचने वाली बात यह है की क्या वास्तव में यह राष्ट्रीय पर्व अपने वास्तविक रूप में आज भी प्रदर्शित होता प्रतीत हो रहा है 1947 का गणतंत्र जहाँ लोगों के आँखों से अनचाहे ही आंशू निकल पड़े थे क्या आज वो दिखाई देता है,उनके आँखों से आंशू आना यह दिखता था की इस पर्व को पाने के लिए उन्होंने कितना मूल्य अदा किया है उसकी कीमत अदा की है और आज का गणतंत्र दिवस मुफ़्त का नज़र आता है ,उस समय लोग ह्रदय से इसकी उन्नति की कामना करते थे जब शिक्षा का स्तर नाम मात्र का था उनकी प्रार्थना का असर की आज शिक्षा का स्तर तो उच्च हुआ पर राष्ट्र प्रेम बहुत ही निम्नतम स्तर पर पहुच गया, आज गणतंत्र दिवस मात्र अवकाश बन कर रह गया..बच्चे अपने हर दिन की पढाई में एक दिन की छुट्टी से खुश है इसका भी कारन हम हैं जो उनमे अपने राष्ट्र के लिए प्रेम नही भर पाये ,अभिभावक अपने अन्य कामों के लिए छुट्टी का प्रयोग कर आनंदित हो रहे है कहीं से भी राष्ट्र के लिए अनुभूति नहीं दिखाई देती।वैश्विकरण का असर तो साफ़ नज़र आता है की गणतंत्र दिवस हमारा पर झंडा चीन का,वही पुराना घिसा पीटा कुछ गाना जो सड़को पर सुनने को मिलता है उसमे बस इतना सुधर कर दिया गया है की रीमिक्स जैसी प्रणाली का प्रयोग कर आज के समय में सुनने लायक बना दिया गया है।
आज राष्ट्र प्रेम गानों में सिमटता नज़र आता है जो समय के साथ राष्ट्र प्रेम में आई उच्चता को भी नहीं दिखा सकता और दिखाए भी तो कैसे जब आया हो तब ना..क्योंकि वास्तव में आई तो कमी है ,जितना लक्ष्य बनाया जाता है उससे थोडा कम ही मिलता है हमारा लक्ष्य ही कम है तो बड़ा मिलेगा कहाँ से..हम सपना देखते हैं विकसित भारत का पर ये संभव तभी है जब सत्ता पर कोई भी आसीन हो वो भारत के सभी नागरिकों को राष्ट्र प्रेम के एक दूर में बांधे, जिस दिन हर नागरिक इस बंधन में बंध गया कोई भी नीति या योजना हो सफल हो जायेगी इसके लिए अलग से प्रशासक नियुक्त नहीं करना होगा क्योंकि हर नागरिक प्रशासक होगा…जय राष्ट्र……. आशुतोष ओझा
Education
Know Madar flower /Crown flower
Calotropis is a poisonous plant, In India, the plant is common in the compounds of temples and is known as Madar in Hindi: मदार. Its leaf (Marathi: rui) is one of the five leaves used in the Panch Pallava, a ritual assortment of five different leaves used as a totem by the Maratha culture in India.