28 Sep,तृतीया 08:46:36 तक, अगला चतुर्थी, कृष्ण पक्ष
ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ॐ महालक्ष्मयै नम:|
ॐ श्री महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णु पत्न्यै च धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात्||
Om Shreem Hreem Shreem Kamale Kamalalaye Praseed Praseed Shreem Hreem Shreem Om Mahalakshmaye Namah|
Om Mahadevsya Vidmahe Vishnupatnyai Cha Dheemahi Tanno Lakshmi Prachodayat||
27 Sep, द्वितीया 09:04:55 तक,अगला तृतीया, कृष्ण पक्ष
शान्ताकारम् भुजगशयनम् पद्मनाभम् सुरेशम्
विश्वाधारम् गगनसदृशम् मेघवर्णम् शुभाङ्गम्।
लक्ष्मीकान्तम् कमलनयनम् योगिभिर्ध्यानगम्यम्
वन्दे विष्णुम् भवभयहरम् सर्वलोकैकनाथम्॥
Shantakaram Bhujagashayanam Padmanabham Suresham
Vishvadharam Gaganasadrisham Meghavarnam Shubhangam।
Lakshmikantam Kamalanayanam Yogibhirdhyanagamyam
Vande Vishnum Bhavabhayaharam Sarvalokaikanatham॥
26 Sep, प्रतिपदा 08:58:16 तक,अगला द्वितीया, शुक्ल पक्ष
ॐ सहस्त्र शीर्षाः पुरुषः सहस्त्राक्षः सहस्त्र-पातस-भूमिग्वं सव्वेत-सत्पुत्वायतिष्ठ दर्शागुलाम् |
आगच्छ श्री कृष्ण देवः स्थाने-चात्र सिथरो भव ||
Om Sahastra Sheershah Purushah Sahastrakshah Sahastra-Paatas-Bhumigvam Savvet-Satputvaayatishth Darshaagulam |
Aagachchha Shri Krishna Devah Sthaane-Chaatra Sitharo Bhav ||
25 Sep,पूर्णिमा 08:23:52 तक,अगला प्रतिपदा, शुक्ल पक्ष
ओम् आंजनेयाय विद्मिहे वायुपुत्राय धीमहि |
तन्नो: हनुमान: प्रचोदयात ||1||
ओम् रामदूताय विद्मिहे कपिराजाय धीमहि |
तन्नो: मारुति: प्रचोदयात ||2||
ओम् अन्जनिसुताय विद्मिहे महाबलाय धीमहि |
तन्नो: मारुति: प्रचोदयात ||3||
ओम् ह्रीं ह्रीं हूँ हौं हृ:
इति मूल मंत्र |
Ohm Aanjeyay Vidmahe Vayuputray Dhimahi |
Tanno: Hanuman: Prachodayat ||1||
Ohm Ramdutay Vidmahe Kapirajay Dhimahi |
Tanno: Maruti: Prachodayat ||2||
Ohm Anjanisutay Vidmahe Mahabalaay Dhimahi |
Tanno: Maruti: Prachodayat ||3||
Ohm Hrim Hrim Hum Houm Hri:
Iti Mul Mantra |
24 Sep, चतुर्दशी 07:19:37 तक,अगला पूर्णिमा, शुक्ल पक्ष
ऊँ उमामहेश्वराभ्यां नमः
ऊँ पार्वत्यै नमः
ऊँ साम्ब शिवाय नमः
ऊँ गौर्ये नमः
मुनि अनुशासन गनपति हि पूजेहु शंभु भवानि।
कोउ सुनि संशय करै जनि सुर अनादि जिय जानि।
हे गौरी शंकरार्धांगी। यथा त्वं शंकर प्रिया।
तथा मां कुरु कल्याणी, कान्त कान्तां सुदुर्लभाम्।।
ऊँ ह्लीं वाग्वादिनी भगवती ममं कार्य सिद्धि कुरु कुरु फट् स्वाहा।
Oo Umahheshwavarbhay Namah
Oh parvartai nama
OM Sam bhi Namah
Oo gauray Namah
Muni discipline ganapati poojehu shambhu bhavani
Kou arun susaye jani sur anadi ji jani
Hey Gauri Shankardhangi As is the case with Priya
And mother Kuru Kalyani, Kant Kantan Sudalabham
Ooh Hali Wagwadini Bhagwati Mamma Siddhi Kuru Kuru Fat Swaha
23 Sep, चतुर्दशी पूर्ण रात्रि तक,अगला पूर्णिमा, शुक्ल पक्ष
आवाहनं न जानामि न जानामि तवार्चनम।पूजां चैव न जानामि क्षम्यतां परमेश्वरि।।
मंत्रहीनं क्रियाहीनं भक्तिहीनं सुरेश्वरि।यत्पूजितं मया देवि परिपूर्णं तदस्तु मे।।
Avahanam na jaanami na jaanami tavarchanam |
Poojam chaiva na jaanami kshamyataam parameshwari ||
Mantraheenam kriyaheenam Bhaktiheenam sureshwari |
Yatpoojitam maya devi paripoornam tadastu me ||
22 Sep, त्रयोदशी 29:45:06 तक, अगला चतुर्दशी, शुक्ल पक्ष
ओम् आंजनेयाय विद्मिहे वायुपुत्राय धीमहि |
तन्नो: हनुमान: प्रचोदयात ||1||
ओम् रामदूताय विद्मिहे कपिराजाय धीमहि |
तन्नो: मारुति: प्रचोदयात ||2||
ओम् अन्जनिसुताय विद्मिहे महाबलाय धीमहि |
तन्नो: मारुति: प्रचोदयात ||3||
ओम् ह्रीं ह्रीं हूँ हौं हृ:
इति मूल मंत्र |
Ohm Aanjeyay Vidmahe Vayuputray Dhimahi |
Tanno: Hanuman: Prachodayat ||1||
Ohm Ramdutay Vidmahe Kapirajay Dhimahi |
Tanno: Maruti: Prachodayat ||2||
Ohm Anjanisutay Vidmahe Mahabalaay Dhimahi |
Tanno: Maruti: Prachodayat ||3||
Ohm Hrim Hrim Hum Houm Hri:
Iti Mul Mantra |
20 Sep, एकादशी 25:18:04 तक,अगला द्वादशी, शुक्ल पक्ष
ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ॐ महालक्ष्मयै नम:|
ॐ श्री महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णु पत्न्यै च धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात्||
Om Shreem Hreem Shreem Kamale Kamalalaye Praseed Praseed Shreem Hreem Shreem Om Mahalakshmaye Namah|
Om Mahadevsya Vidmahe Vishnupatnyai Cha Dheemahi Tanno Lakshmi Prachodayat||
19 Sep, दशमी 22:41:28 तक,अगला एकादशी, कृष्ण पक्ष
ॐ सहस्त्र शीर्षाः पुरुषः सहस्त्राक्षः सहस्त्र-पातस-भूमिग्वं सव्वेत-सत्पुत्वायतिष्ठ दर्शागुलाम् |
आगच्छ श्री कृष्ण देवः स्थाने-चात्र सिथरो भव ||
Om Sahastra Sheershah Purushah Sahastrakshah Sahastra-Paatas-Bhumigvam Savvet-Satputvaayatishth Darshaagulam |
Aagachchha Shri Krishna Devah Sthaane-Chaatra Sitharo Bhav ||
18 Sep, नवमी 20:06:02 तक,अगला दशमी, शुक्ल पक्ष
प्रणम्य शिरसा देवं गौरीपुत्र विनायकम् ।
भक्तावासं स्मरेन्नित्यायुष्कामार्थसिद्धये ॥१॥
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Pranamya Shirasa Devam Gauriputra Vinayakam|
Bhakta-[A]avaasam Smaren-Nitya-[A]ayuss-Kaama-Artha-Siddhaye ||1||
14 Sep, पंचमी 14:25:24 तक, अगला षष्ठी, शुक्ल पक्ष
Ganesh Aarti
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा ॥ जय…
एक दंत दयावंत चार भुजा धारी।
माथे सिंदूर सोहे मूसे की सवारी ॥ जय…
अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया।
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया ॥ जय…
पान चढ़े फल चढ़े और चढ़े मेवा।
लड्डुअन का भोग लगे संत करें सेवा ॥ जय…
दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी।
कामना को पूर्ण करो जाऊं बलिहारी॥ जय…
‘सूर’ श्याम शरण आए सफल कीजे सेवा
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा ॥ जय…
Ganesh Aarti Marathi
सुखकर्ता दुःखकर्ता वार्ता विघ्नाची।
नुरवी पुरवी प्रेम कृपा जयाची ।
सर्वांगी सुंदर उटी शेंदुराची ।
कंठी झळके माळ मुक्ताफळाची ।।1।।
जय देव जय देव जय मंगलमूर्ती ।
दर्शनमात्रे मनकामना पुरती ।।धृ।।
रत्नखचित फरा तूज गौरीकुमरा ।
चंदनाची उटी कुंकुमकेशरा
हिरे जडित मुकुट शोभतो बरा
रूणझुणती नुपुरे चरणी घागरिया ।।२ ।।
लंबोदर पीतांबर फणीवरवंदना ।
सरळ सोंड वक्रतुंड त्रिनयना ।
दास रामाचा वाट पाहे सदना ।
संकटी पावावे निर्वाणी रक्षावे सुरवंदना ।
जय देव जय देव जय मंगलमूर्ती ।
दर्शनमात्रे मनकामना पुरती ।।
Shiva Aarti in Marathi
लवधवती विक्राळा ब्रह्मांडी माळा ।
वीषें कंठ काळा त्रिनेत्रीं ज्वाळा ॥
लावण्यसुंदर मस्तकीं बाळा ।
तेथुनियां जल निर्मळ वाहे झुळझूळां ॥१॥
जय देव जय देव जय श्रीशंकरा ।
आरती ओवाळूं तुज कर्पूरगौरा ॥ध्रु॥
कर्पूरगौरा भोळा नयनीं विशाळा ।
अर्धांगीं पार्वती सुमनांच्या माळा ॥
विभुतीचें उधळण शितिकंठ नीळा ।
ऐसा शंकर शोभे उमावेल्हाळा ॥जय॥२॥
देवीं दैत्यीं सागरमंथन पैअं केलें ।
त्यामाजीं जें अवचित हळाहळ उठिलें ॥
तें त्वां असुरपणें प्राशन केलें ।
नीळकंठ नाम प्रसिद्ध झालें ॥जय॥३॥
व्याघ्रांबर फणिवरधर सुंदर मदनारी ।
पंचानन मनमोहन मुनिजनसुखकारी ॥
शतकोटीचें बीज वाचे उच्चारी ।
रघुकुलतिलक रामदासा अंतरीं ॥जय॥४॥
Durga Ji Aaarti (दुर्गे दुर्घट भारी)
दुर्गे दुर्घट भारी तुजविण संसारी ।
अनाथनाथे अंबे करुणा विस्तारी ।
वारी वारी जन्ममरणाते वारी ।
हारी पडलो आता संकट निवारी ।। १ ।।
जय देवी जय देवी महिषासुरमर्दिनी ।
सुरवरईश्वर-वरदे तारक संजीवनी ।।
जय देवी जय देवी ।। धृ० ।।
त्रिभुवनभुवनी पहाता तुजऐसी नाही ।
चारी श्रमले परंतु न बोलवे काही ।
साही विवाद करिता पडले प्रवाही ।
ते तू भक्तालागी पावसी लवलाही ।। २ ।।
प्रसन्नवदने प्रसन्न होसी निजदासां ।
क्लेशांपासुनी सोडवी तोडी भवपाशा ।
अंबे तुजवाचून कोण पुरवील आशा ।
नरहरि तल्लीन झाला पदपंकजलेशा ।। ३ ।।
13 Sep, चतुर्थी 14:53:18 तक,अगला पंचमी, शुक्ल पक्ष
प्रणम्य शिरसा देवं गौरीपुत्र विनायकम् ।
भक्तावासं स्मरेन्नित्यायुष्कामार्थसिद्धये ॥१॥
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Pranamya Shirasa Devam Gauriputra Vinayakam|
Bhakta-[A]avaasam Smaren-Nitya-[A]ayuss-Kaama-Artha-Siddhaye ||1||
12 Sep, तृतीया 16:08:43 तक, अगला चतुर्थी, शुक्ल पक्ष
ॐ सहस्त्र शीर्षाः पुरुषः सहस्त्राक्षः सहस्त्र-पातस-भूमिग्वं सव्वेत-सत्पुत्वायतिष्ठ दर्शागुलाम् |
आगच्छ श्री कृष्ण देवः स्थाने-चात्र सिथरो भव ||
Om Sahastra Sheershah Purushah Sahastrakshah Sahastra-Paatas-Bhumigvam Savvet-Satputvaayatishth Darshaagulam |
Aagachchha Shri Krishna Devah Sthaane-Chaatra Sitharo Bhav ||
11 Sep, द्वितीया 18:05:59 तक,अगला तृतीया, शुक्ल पक्ष
ओम् आंजनेयाय विद्मिहे वायुपुत्राय धीमहि |
तन्नो: हनुमान: प्रचोदयात ||1||
ओम् रामदूताय विद्मिहे कपिराजाय धीमहि |
तन्नो: मारुति: प्रचोदयात ||2||
ओम् अन्जनिसुताय विद्मिहे महाबलाय धीमहि |
तन्नो: मारुति: प्रचोदयात ||3||
ओम् ह्रीं ह्रीं हूँ हौं हृ:
इति मूल मंत्र |
Ohm Aanjeyay Vidmahe Vayuputray Dhimahi |
Tanno: Hanuman: Prachodayat ||1||
Ohm Ramdutay Vidmahe Kapirajay Dhimahi |
Tanno: Maruti: Prachodayat ||2||
Ohm Anjanisutay Vidmahe Mahabalaay Dhimahi |
Tanno: Maruti: Prachodayat ||3||
Ohm Hrim Hrim Hum Houm Hri:
Iti Mul Mantra |
10 Sep, प्रतिपदा 20:37:07 तक,अगला द्वितीया, शुक्ल पक्ष
ऊँ उमामहेश्वराभ्यां नमः
ऊँ पार्वत्यै नमः
ऊँ साम्ब शिवाय नमः
ऊँ गौर्ये नमः
मुनि अनुशासन गनपति हि पूजेहु शंभु भवानि।
कोउ सुनि संशय करै जनि सुर अनादि जिय जानि।
हे गौरी शंकरार्धांगी। यथा त्वं शंकर प्रिया।
तथा मां कुरु कल्याणी, कान्त कान्तां सुदुर्लभाम्।।
ऊँ ह्लीं वाग्वादिनी भगवती ममं कार्य सिद्धि कुरु कुरु फट् स्वाहा।
Oo Umahheshwavarbhay Namah
Oh parvartai nama
OM Sam bhi Namah
Oo gauray Namah
Muni discipline ganapati poojehu shambhu bhavani
Kou arun susaye jani sur anadi ji jani
Hey Gauri Shankardhangi As is the case with Priya
And mother Kuru Kalyani, Kant Kantan Sudalabham
Ooh Hali Wagwadini Bhagwati Mamma Siddhi Kuru Kuru Fat Swaha
6 Sep, एकादशी 12:17:08 तक,अगला द्वादशी, कृष्ण पक्ष
शान्ताकारम् भुजगशयनम् पद्मनाभम् सुरेशम्
विश्वाधारम् गगनसदृशम् मेघवर्णम् शुभाङ्गम्।
लक्ष्मीकान्तम् कमलनयनम् योगिभिर्ध्यानगम्यम्
वन्दे विष्णुम् भवभयहरम् सर्वलोकैकनाथम्॥
Shantakaram Bhujagashayanam Padmanabham Suresham
Vishvadharam Gaganasadrisham Meghavarnam Shubhangam।
Lakshmikantam Kamalanayanam Yogibhirdhyanagamyam
Vande Vishnum Bhavabhayaharam Sarvalokaikanatham॥
5 Sep,दशमी 15:02:39 तक, अगला एकादशी, कृष्ण पक्ष
ॐ सहस्त्र शीर्षाः पुरुषः सहस्त्राक्षः सहस्त्र-पातस-भूमिग्वं सव्वेत-सत्पुत्वायतिष्ठ दर्शागुलाम् |
आगच्छ श्री कृष्ण देवः स्थाने-चात्र सिथरो भव ||
Om Sahastra Sheershah Purushah Sahastrakshah Sahastra-Paatas-Bhumigvam Savvet-Satputvaayatishth Darshaagulam |
Aagachchha Shri Krishna Devah Sthaane-Chaatra Sitharo Bhav ||
4 Sep, नवमी 17:25:31 तक,अगला दशमी, कृष्ण पक्ष
प्रणम्य शिरसा देवं गौरीपुत्र विनायकम् ।
भक्तावासं स्मरेन्नित्यायुष्कामार्थसिद्धये ॥१॥
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Pranamya Shirasa Devam Gauriputra Vinayakam|
Bhakta-[A]avaasam Smaren-Nitya-[A]ayuss-Kaama-Artha-Siddhaye ||1||
3 Sep,अष्टमी - 19:21:52 तक, अगला नवमी, कृष्ण पक्ष
ॐ सहस्त्र शीर्षाः पुरुषः सहस्त्राक्षः सहस्त्र-पातस-भूमिग्वं सव्वेत-सत्पुत्वायतिष्ठ दर्शागुलाम् |
आगच्छ श्री कृष्ण देवः स्थाने-चात्र सिथरो भव ||
Om Sahastra Sheershah Purushah Sahastrakshah Sahastra-Paatas-Bhumigvam Savvet-Satputvaayatishth Darshaagulam |
Aagachchha Shri Krishna Devah Sthaane-Chaatra Sitharo Bhav ||